थोड्ला के पहले के आखिरी गाँव पहुँचने पर भिखमंगे के वेश में होने के बावजूद लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला जबकि दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश भी उन्हें उचित स्थान नहीं दिला सका। क्यों?


थोड्ला के पहले आखिरी गांव पहुंचने पर लेखक भिखमंगे के वेश में थे। इसके बाद भी उन्हें वहां रहने का उचित स्थान मिल गया था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि लेखक के साथ उनके दोस्त सुमति थे। सुमति की थोड्ला में अच्छी जानपहचान थी।

वहीं जब 5 साल बाद लेखक उसी रास्ते से लौट रहे थे| उस समय वे भद्र वेश में थे फिर भी उन्हें सबसे गरीब झोपड़े में रहने की जगह मिली। लेखक गांव के लोगों से बिल्कुल परिचित नहीं थे। उस यात्रा में लेखक शाम के समय वहाँ पहुँचे थे। शाम के सामय लोग छड् पीकर होश-हवास खो बैठते हैं। इसके अलावा उनके साथ सुमति भी नहीं थे और उसी कारण दूसरी यात्रा के दौरान उन्हें रहने के लिए एक उचित स्थान नहीं मिला|


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